ज पूरी मानव-जाित को
लगभग चौदह सौ साल सेअलाह नेकुरआन म
मानव जाित को बहत
ु सेचैल
ज िकयेहये
ु
ह# िजनका आज तक इ&तजार है ।
कुरआन 114 िहःस) म
बंटा हआ
ु है , हर िहःसेको सुरः कहतेह# , िजसम
बहत
ु सी सूरत ह# जो
अ.र)-श0द) का साथ2क बम के साथ जोडकर बनी होती ह# । यह इतनी छोटी भी है िक उसम
दो तीन छोटे-छोटे वा7य) और चोदह-प&िह श0द) सेअिधक नहीं, मगर छोटी सूरत) के
संि.; होनेका कदािप यह अथ2 नहींिक उसम
विण2त त>व भी थोडा है । बडी सूरत) म
सबसेछोटी सूरत) म
सेएक – Fयान द
इस म
केवल 10
श0द ह#
कुरआन म
खुदा कहता है ः
''कोई शक हो तो इस जैसी कोई एक सूरः बना लाओ और इस उददेँय के िलए अलाह
को छोडकर अपनेसारे ूितिनिधय) को भी बुला लो, अगर तुम अपनेिवचार म
सLचेहो''
-सुरः बक़र: 2:23